कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आरएसएसडीआई मेंबर एवं मेडिकल ऑफिसर, डॉ. आशीष अनेजा के द्वारा बढ़ती हुई ठंड के प्रति हृदय से संबंधित समस्याओं को लेकर लोगों को जागरूक किया। डॉ. अनेजा ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग हृदय रोगों से परेशान हो सकता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल हृदय रोगों को ट्रिगर कर सकते हैं। इसके अलावा, अनहेल्दी डाइट, तनाव व इनएक्टिव लाइफस्टाइल के चलते हृदय रोग के लक्षण बढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं ठंड का मौसम भी हृदय रोग को बढ़ा सकता है, क्योंकि सर्दी के मौसम में रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और रक्त का प्रवाह कम हो सकता है। इस स्थिति में हृदय पर दबाव पड़ सकता है। इसलिए, हृदय रोगियों को ठंड के मौसम में अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
डॉ. अनेजा ने बताया कि हृदय हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है। जब से यह बनता है, बिना रुके काम करता है लेकिन हमारी जीवनशैली की कुछ खराब आदतें कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को बेहद नुकसान पहुंचाती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि सर्दी के दिनों में सर्दी-जुकाम और फ्लू के मामलों में तेजी आती है, जबकि इस मौसम में हार्ट अटैक का जोखिम सबसे ज्यादा है। दिल की बीमारी से होने वाली मृत्यु व अचानक होने वाली मृत्यु सर्दी की शुरूआत में बहुत तेजी से बढ़ती हैं। अध्ययनों से पता चला है कि सर्दी के दिनों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा गर्मियों के मुकाबले दोगुना होता है। दिल के दौरे और हृदय रोग से संबंधित घटनाओं की संभावना अक्सर सुबह के वक्त ही होती हैं।